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लेखनी प्रतियोगिता -05-Feb-2024 अलमारी का भूत




शीर्षक = अलमारी का भूत



विमला जी का घर आज उनके पोता पोती और नवासा नवासी से भरा हुआ था क्यूंकि उनकी अपने मायके कुछ दिन रहने के लिए आयी थी जिसके चलते घर में बच्चों का बहुत ज्यादा शोर गुल हो रहा था बड़े भी बैठे थे वो बातें कर रहे थे एक दुसरे से लेकिन बच्चों ने इतना कोहराम मचा रखा था कि किसी को भी कुछ समझ नही आ रहा था


वैसे तो बच्चे इतनी शैतानी नही करते है लेकिन जब सब इकठ्ठा हो जाते है तो बहुत ज्यादा ही करते है, कई बार तो विमला जी की बहू सवीता ने उन्हें डांट भी दिया था लेकिन वो कहा मानने वाले थे


लेकिन तब ही उनका गदर और शैतानी हद से ज्यादा बढ़ती देख विमला जी थोड़ा जोर से बोली " लाओ जरा इन्हे पकड़ कर, इन्हे भी उस अलमारी में बंद कर देती हूँ जहाँ भूत रहता है  कितनी देर हो गयी इन्हे समझाते हुए कि बैठ कर आराम से खेलो लेकिन ये है की मान ही नही रहे है जा बहू मुझे इनका हाथ तो पकड़ कर दे जो मैं इन्हे अलमारी वाले भूत के हवाले कर सकूँ "


भूत का नाम सुन बच्चे थोड़ी देर तो खामोश रहे लेकिन तब ही उनकी नातिन बोल पड़ी " भूत! नानी आपके पास भूत भी है "


"हाँ, और क्या तुम जैसे शैतान बच्चों को उसके हवाले करने के लिए मैंने अलमारी में भूत बंद कर रखा है " विमला जी ने कहा थोड़ा डराते हुए


"दिखाओ फिर कहा है भूत, कैसा दिखता है दादी भूत " उनके पोते ने कहा।


"तुम्हे भूत देखना है " विमला जी ने कहा।

"हाँ, नानी हमें भी देखना है दिखाओ न कहा है, कैसा दिखता है " उनकी नवासी ने कहा।


"देखो तो जरा इन बच्चों को डरने के बजाये भूत को देखने की बातें कर रहे है " विमला जी ने उनकी तरफ देखते हुए कहा।


"अरे! मम्मी जी ये आज कल के बच्चे है ये हमारा बचपन नही है, जो इस तरह की बातों से डर जाये " विमला जी की बहू ने कहा रसोई से सबके लिए चाय बनाकर लाते हुए।


"ठीक कहा भाभी, तुमने ये आज कल के बच्चे हमें भी डरा दे " विमला जी की बेटी ने कहा।


"हाँ देखो तो कितने मजे से भूत को देखने को कह रहे है, जैसे की भूत से नही किसी अपने से मिलने की बात हो रही हो "विमला जी ने कहा


बच्चे विमला जी का हाथ पकड़ कर उन्हें अलमारी का भूत दिखाने की जिद्द करने लगे लेकिन तब ही सवीता ने थोड़ी डांट लगायी और वहा से उन्हें भेज दिया और सब लोग चाय पीने लगे


लेकिन तब ही विमला जी की बेटी अनमोल बोल पड़ी " मम्मी आपको याद है आपने एक बार मुझे अलमारी में बंद कर दिया था ज़ब मैं नय कपड़े पहनने की जिद्द कर रही थी यकीन जानिए अगर थोड़ी देर और हो जाती तो मैं मर ही जाती मुझे अब भी अलमारी से इतना डर लगता मानो उसमे अभी भी कोई भूत रहता है "


"ठीक कहा दीदी, मुझे भी बचपन में अलमारी से बहुत डर लगता था, उसमे एक तो इतना अंधेरा होता था मेरी मम्मी भी हम भाई बहनों को उसी से डरा कर रखती थी एक बार तो मेरे भाई को मम्मी ने बंद कर दिया था ज़ब वो हमें मार रहा था कसम से उस दिन के बाद से भाई ने कभी भी हमें नही मारा हम लोग तो इन बातों से इतना डर जाते थे और एक आज कल के बच्चे है किसी चीज से भी काबू नही हो पाते है " अनमोल की भाभी ने कहा।


"सही कहा भाभी तुमने, अब के बच्चे तो डरते ही नही है देखो न मम्मी से तुषार पूछ रहा है कि भूत कैसा दिखता है हमें उसे दिखाओ ये बच्चे भी न हम इनकी उम्र में भूत के नाम से ही डर जाते थे " अनमोल ने कहा एक जोरदार हसीं हस्ते हुए


उसके बाद सब लोग हसने लगे और चाय का आंनद लेने लगे तब ही विमला जी बोल पड़ी वाक़यी आज कल के बच्चों को काबू करना कोई आसान काम नही है, हम लोग तो यूं ही बस बच्चों को डराने के लिए कभी अलमारी का भूत तो कभी कुछ और कह कर डरा दिया करते थे और बच्चे डर भी जाया करते थे और ये आज कल के बच्चे है किसी से भी नही डरते है देखो अब भी कितनी शैतानी कर रहे है।


समाप्त....
प्रतियोगिता हेतु.....

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5 Comments

Shnaya

07-Feb-2024 07:42 PM

Nice

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Gunjan Kamal

07-Feb-2024 06:42 PM

👏👌

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Ajay Tiwari

06-Feb-2024 09:26 AM

Very nice👍

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